डिप्रेशन को समाप्त कर सकते हैं । Psychological changes due to Climate change |
वैज्ञानिक दृष्टि यह सत्य है कि चंद्रमा का पृथ्वी के नज़दीक आने से जलीय क्षेत्रों (समुद्र) में हलचल व तूफ़ान आने लगता है । बिलकुल उसी प्रकार पूर्णिमा एवं अमावस्या के दौरान समस्त जीवों के देह में परिवर्तन दिखायी देने लगते हैं । विशेषकरके मनुष्य शरीर के उन क्षेत्रों में जो सबसे अधिक जल से युक्त होते हैं । जैसे मस्तिष्क , जीभ और आँखें जो जल में ही रहती हैं , साइनस की जगह प्रभावित होने लगती है । इसीलिए इस समय लोगों में बहुत मूड स्विंग देखने को मिलता है ।
किंतु ध्यान रहे इसका अर्थ यह कदापि नहीं कि मानुष का नियंत्रण चंद्रमा के ऊपर निर्भर करता है । मनुष्य मन अपने कर्म और इक्षाशक्ति से शरीर और मन में उठे हुए तूफ़ान को नियंत्रित कर लेता है । मन की एकाग्रता जितनी बढ़ती जाती है इन हलचलों का प्रभाव शरीर और मन पर नहीं पड़ने पाता है , थोड़ा बहुत पड़ता भी है तो इसका दुष्प्रभाव नहीं होता है । इसके लिए योग प्राणायाम और ध्यान बहुत आवश्यक है ।
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